Saturday, 7 November 2015

आइये जानते हैं मोबाइल बैंकिंग के बारे में ( सावधानियां एंव जानकारी )

मैं रूपेन्द्रा साहू-सभी पाठकों को मेरा प्यार भरा नमस्कार,आइये जानते हैं मोबाइल बैंकिंग के बारे में, देश में मोबाइल के जरिये इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ने के साथ ही मोबाइल बैंकिंग का भी दायरा बढ़ा है। बिना बैंक गए और कोई लिखत-पढ़त किए घर बैठे मोबाइल के जरिये बैंकिंग की सहूलियत ने इसे काफी तेजी से लोकप्रिय बनाया है, इस सहूलियत के साथ कुछ जोखिम भी जुड़े हुए हैं, जिनसे थोड़ा सतर्क रह कर और कुछ सावधानियां बरत कर बचा जा सकता है। बात करते हैं ऐसी ही कुछ सावधानियों की जिनका आपको मोबाइल बैंकिंग करते समय ध्यान रखना चाहिए।

ऑटो लॉक करें एक्टिवेट
मोबाइल बैंकिंग एक्टिवेट कराने के ‌बाद सबसे पहले यह देखें कि आपके फोन का ऑटो लॉक काम कर रहा है या नहीं। यदि यह एक्टिवेट नहीं है तो सबसे पहले मोबाइल में ऑटो लॉक को चालू करें, ताकि जब फोन यूज में नहीं होगा तो लॉक अपने आप लग जाएगा। लॉक खोलने के लिए पासवर्ड ऐसा चुनें, जिसे क्रैक कर पाना मुमकिन न हो। इसके लिए 8 या इससे ज्यादा करेक्टर वाले पासवर्ड में आप करेक्टर (अक्षर), न्यूमेरिकल्स (अंक) और स्पेशल कैरेक्टर्स का यूज कर स्ट्रांग पासवर्ड तैयार कर सकते हैं।



गोपनीय सूचना को रखें गोपनीय
टेक्स्ट मेसेज के द्वारा बैंकिंग संबंधी कोई भी अहम या गोपनीय सूचना मसलन अकाउंट नंबर, पासवर्ड, पैन कार्ड और जन्मतिथि आदि का खुलासा न करें। हैकर्स इन सूचनाओं का इस्तेमाल ही बैंक अकाउंट को हैक करने में कर सकते हैं। मोबाइल बैंकिंग संबंधी धोखाधड़ी से बचने के लिए यह भी जरूरी है कि अपने मोबाइल को सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर से प्रोटेक्ट करें।

डाउनलोड करें जरा संभलकर
मोबाइल में कोई नया ऐप्लीकेशन, गेम, पिक्चर, म्यूजिक या वीडियो आदि डाउनलोड करते समय ध्यान रखें कि जहां से आप डाउनलोड कर रहे हैं, वह साइट भरोसेमंद हो। कई बार ऐसी फाइलों के जरिये अक्सर आपका फोन हैकिंग का शिकार हो जाता है या उसमें वायरस भी भेजा जा सकता है। इसके अलावा मोबाइल से चेन मैसेज को भी डिलीट कर दें।

ब्लूटूथ को ऑन रखने से परहेज
अपने स्मार्टफोन को वायरस से बचाएं रखने के लिए जरूरी है कि जब आप ब्लूटूथ का इस्तेमाल न करें तो उसे स्विच ऑफ कर दें। ब्लूटूथ ऑन रहने से हैकर्स को आपके मोबाइल तक पहुंचने का मौका मिल सकता है। मोबाइल को हैकिंग और वायरस से बचाए रखने के लिए लगातार फायरबाल व सेफ्टी सॉफ्टवेयर को अपडेट करते रहना चाहिए। मोबाइल फोन बनाने वाली या कुछ सॉफ्टवेयर कंपनियां इनका समय-समय पर अपडेट वर्जन मुहैया कराती रहती हैं, जिन्हें इंस्टाल करते रहना चाहिए।

एक आदत यह भी जरूरी
अपने मोबाइल ट्रांजेक्शन को सुरक्षित रखने के लिए रोजाना ब्राउजिंग हिस्ट्री को डिलीट करते रहने की आदत बना लेना अच्छा रहता है। यह आदत आपके लिए काफी सुरक्षित रहेगी।

मोबाइल बैंकिंग से जुड़ी कुछ रोचक बातें

मोबाइल बैंकिंग का इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों को इससे जुड़े जोखिम, जिम्मेदारी (रिस्पांसबिलिटी) और देनदारी (लायबिलिटी) की जानकारी देना जरूरी है। अगर कोई ग्राहक ट्रांजेक्शन को लेकर कोई शिकायत करता है तो यह बैंक की जिम्मेदारी है कि वह कस्टमर की शिकायत को दूर करे। �

-2001 में फिलीपिन्स में सीमित स्तर पर शुरू हुए मोबाइल बैंकिंग ने दशक के अंत तक तकरीबन सारी दुनिया में बैंक के विकल्प के रूप में अपनी जगह बना ली है।

-मोबाइल बैंकिंग के मौजूदा विस्तार से जुड़ा एक रोचक तथ्य यह है कि विकसित देशों के मुकाबले विकासशील देशों में मोबाइल फोन ऑपरेटर वित्तीय सेवाएं देने के प्रमुख जरिया बन रहे हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण हाल के वर्षों में अफ्रीकी देशों में आई मोबाइल ट्रांसफर की क्रांति है, जिसके चलते भारत की एयरटेल सहित दुनिया के कई दिग्गज मोबाइल ऑपरेटर और वैल्यू एडेड सेवा (वैस) प्रदाता अफ्रीका का रुख कर रहे हैं। 

-पाकिस्तान में वित्तीय सेवाएं देने वाली अग्रणी कंपनी मोनेट ने अपनी मोबाइल बैंकिंग के दम पर वहां के प्रमुख बैंकों और वित्तीय संस्थानों को पछाड़ दिया है।

-ग्लोबल स्तर पर नार्वे की कंपनी टेलीनॉर की गिनती दुनिया के अग्रणी मोबाइल बैंकिंग सेवा प्रदाता के रूप में की जाती है।

-स्टॉकहोम की बर्ग इनसाइट इंडस्ट्री रिसर्च कंपनी के अनुसार 2009 ये ग्लोबल स्तर पर पैर पसारने वाली मोबाइल बैकिंग का इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों की संख्या वर्ष 2015 में 16 गुना तक बढ़ जाएगी। उस समय दुनिया में मोबाइल बैंकिंग के 89.4 करोड़ ग्राहक होंगे, जिनमें से 78 फीसदी ग्राहक एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के उभरते हुए बाजारों वाले देशों के होंगे।

अफ्रीका में है अधिक लोकप्रिय
अफ्रीकी देशों में इंटरनेट और बैंकों की व्यापक पहुंच नहीं होने के कारण यहां मोबाइल बैंकिंग की सेवा खासी लोकप्रिय है और तेजी से बढ़ रही है। मोबाइल बैंकिंग के मौजूदा विस्तार से जुड़ा एक रोचक तथ्य यह है कि विकसित देशों के मुकाबले विकासशील देशों में मोबाइल फोन ऑपरेटर वित्तीय सेवाएं देने के प्रमुख जरिया बन रहे हैं।

इसका सबसे बड़ा उदाहरण हाल के वर्षों में अफ्रीकी देशों में आई मोबाइल ट्रांसफर की क्रांति है, जिसके चलते भारत की एयरटेल सहित दुनिया के कई दिग्गज मोबाइल ऑपरेटर और वैल्यू एडेड सेवा (वैस) प्रदाता अफ्रीका का रुख कर रहे हैं। 

केन्या ‘मोबाइल मनी’ में दुनिया का अग्रणी देश
मोबाइल मनी सर्विसेज का उपयोग करने के मामले में केन्या दुनिया का सबसे अग्रणी देश है। कम्यूनिकेशंस कमीशन ऑफ केन्या के जुलाई 2012 तक के आंकड़ों के अनुसार केन्या के करीब 2.9 करोड़ मोबाइल धारकों में से 65 फीसदी यानी करीब 1.9 करोड़ यूजर मोबाइल मनी सेवाओं का इस्तेमाल करते हैं।

केन्या में मोबाइल मनी सेवाओं के जरिए उपयोगी बिलों का भुगतान, स्कूल फीस भरने, स्टोर पर खरीदारी करने, एम-टिकटिंग, फोन टॉप-अप्स, एटीएम से नकद निकालने आदि कार्य भी किए जाते हैं। सफारीकॉम केन्या में मोबाइल मनी ‘एम पैसा सर्विस’ शुरू करने वाली पहली कंपनी है। करीब पांच साल पहले इसकी शुरुआत हुई और फिलहाल एम-पैसा के करीब 1.5 करोड़ ग्राहक हैं।

सौजन्य से- क्लिक करे(website)

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